नेशनल एजुकेशन पॉलिसी : नई शिक्षा नीति | New Education Policy, PDF download

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023 ऑनलाइन आवेदन | National Education Policy 2023 apply form | नई शिक्षा नीति 2023 रजिस्ट्रेशन | New National Education Policy PDF download | नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023

New Education Policy In Hindi : नेशनल एजुकेशन पॉलिसी अब बदल गई है। जैसे कि आप सभी जानते हैं कि हाल ही में मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय ने एजुकेशन पॉलिसी के अंदर कुछ बदलाव किए हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको न्यू एजुकेशन पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं जिसको नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के नाम से भी जाना जाता है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंदर कुछ बदलाव किए गए हैं जिसके तहत इसको न्यू एजुकेशन पॉलिसी के नाम से भी जाना जा रहा है।

आज के इस लेख में हम आपको नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेंगे उसी के साथ-साथ विशेषताएं उद्देश्य और होने वाले पॉलिसी में बदलाव के बारे में विवरण साझा करेंगे। यदि आप नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से संबंधित 2023 में हुए बदलाव की पूरी जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तब आप हमारे लेख को जरूर पढ़ें। पॉलिसी में बदलाव करने पर किस किस प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे उन सभी के बारे में हमने बताया है।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023

दोस्तों हम आपको बता दें कि इसरो प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंग के अध्यक्ष में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव किया गया है। स्कूलों और कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नीति नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत ही तैयार की जाती है। इस संदर्भ में भारत ने भी न्यू एजुकेशन पॉलिसी को आरंभ कर दिया है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से भारत को विश्व विज्ञान महाशक्ति बनाना है। और अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से ही जाना जाएगा।

दोस्तों हम आपको बता दें कि National Education Policy के अंतर्गत 2030 तक अब स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक की शिक्षा का सर्वभौमिकरण किया जाएगा। जिसमें मेडिकल और लॉ स्टडीज को शामिल नहीं किया गया है। पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई शिक्षा नीति आ चुकी है जिसके अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा।

New Education Policy का उद्देश्य

भारत में प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाने का उद्देश्य नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य है। शिक्षा का सार्वभौमीकरण National Education Policy के माध्यम से किया जाएगा। पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन ने National Education Policy के तहत सरकार के माध्यम से हो गए हैं। नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। National Education Policy के तहत बच्चे अच्छी शिक्षा को प्राप्त कर पाएंगे।

Key Points Of NEP (National Education Policy)

आर्टिकल किसके बारे में हैNEP | नेशनल एजुकेशन पॉलिसी
किसने लांच की स्कीमभारत सरकार
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आर्टिकल का उद्देश्यशिक्षा का सार्वभौमीकरण करना और भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है।
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नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की विशेषताएं

  • शिक्षा मंत्रालय के नाम से अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय जाना जाएगा।
  • शिक्षा का सार्वभौमीकरण नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से किया जाएगा।
  • पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत सरकार के माध्यम से हो गए हैं।
  • नई शिक्षा नीति योजना के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
  • National Education Policy के तहत बच्चे अच्छी शिक्षा को प्राप्त कर पाएंगे।
  • नई शिक्षा नीति के अंतर्गत मेडिकल और लॉ की पढ़ाई शामिल नहीं की गई।
  • पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा।
  • पैटर्न के बदलाव में 12 साल की स्कूली शिक्षा प्रदान की जाएगी।
  • उसी के साथ साथ 3 साल की प्री स्कूल शिक्षा भी प्रदान की जाएगी।
  • व्यावसायिक परीक्षण इंटर्नशिप छठी कक्षा से आरंभ की जाएगी।
  • क्षेत्रीय भाषा में या फिर मातृभाषा में पांचवीं कक्षा तक शिक्षा प्रदान की जाएगी।
  • पहले कॉमर्स साइंस और आर्ट्स स्ट्रीम होती थी मगर अब ऐसा कोई स्ट्रीम नहीं होगा।
  • नए बदलाव किए जाने पर छात्र अपनी इच्छा अनुसार विषय को चुन सकेंगे।
  • फिजिक्स विषय के साथ छात्र अकाउंट या फिर आर्ट्स का कोई भी सब्जेक्ट बढ़ सकते हैं।
  • छठी कक्षा से ही छात्रों को कोडिंग सिखाई जाएगी।
  • सभी स्कूलों को डिजिटल इक्विपड किया जाएगा।
  • क्षेत्रीय भाषा में सभी प्रकार की इकॉन्टेंट को ट्रांसलेट किया जाएगा।
  • वर्चुअल लैब का डेवलपमेंट भी किया जाएगा।

National Education Policy के लाभ

  • जीडीपी का 6% हिस्सा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए खर्च किया जाएगा।
  • पढ़ाई में भारत की अन्य प्राचीन भाषाएं जैसे संस्कृत को पढ़ने का विकल्प रखा जाएगा।
  • छात्र चाहे तो और भी अन्य भाषाएं पढ़ सकते हैं।
  • बोर्ड की परीक्षा में भी बदलाव किए जाएंगे।
  • यह भी हो सकता है कि साल में दो बार छात्रों पर बोझ कम करने हेतु बोर्ड की परीक्षा ली जाए।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी पढ़ाई को आसान बनाने के लिए किया जाएगा।
  • एम फिल डिग्री को हायर एजुकेशन से खत्म किया जाएगा।
  • मैन सिलेबस में एक्टर एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को रखा जाएगा।
  • 3 भाषाएं छात्रों को सिखाए जाएंगे जो कि राज्य अपने स्तर पर निर्धारित करेंगे।
  • प्रशिक्षण परिषद और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
  • कई सारे संस्थान नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए स्थापित किए जाएंगे।
  • एजुकेशन पॉलिसी सुचारू रूप से चल पाए इसलिए संस्थान स्थापित किए जाएंगे।
  • बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान नहीं एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत दिया जाएगा।
  • नए बदलाव किए जाने पर छात्र अपनी इच्छा अनुसार विषय को चुन सकेंगे।
  • फिजिक्स विषय के साथ छात्र अकाउंट या फिर आर्ट्स का कोई भी सब्जेक्ट बढ़ सकते हैं।
  • छठी कक्षा से ही छात्रों को कोडिंग सिखाई जाएगी।
  • सभी स्कूलों को डिजिटल इक्विपड किया जाएगा।
  • क्षेत्रीय भाषा में सभी प्रकार की इकॉन्टेंट को ट्रांसलेट किया जाएगा।
  • वर्चुअल लैब का डेवलपमेंट भी किया जाएगा।
  • नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
  • इस योजना के तहत बच्चे अच्छ शिक्षा को प्राप्त कर पाएंगे।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023 के चरण

नई शिक्षा नीति को चार चरणों में विभाजित किया गया है जो कि 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 (5+3+3+4) का पैटर्न है। दर्शाए हुए इस नए पैटर्न में 12 साल की स्कूली शिक्षा और 3 साल की फ्री स्कूली शिक्षा शामिल की गई है न्यू National Education Policy को अब सरकारी तथा प्राइवेट इन दोनों संस्थानों को फॉलो करना होगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के चार चरण कुछ इस प्रकार से है जो निम्नलिखित नीचे बताए गए हैं।

फाउंडेशन स्टेज

पहला चरण यानी कि फाउंडेशन स्टेज 3 से लेकर 8 साल के बच्चों तक के लिए बनाई गई है। जिसमें 3 साल की फ्री स्कूल शिक्षा तथा 2 साल की स्कूली शिक्षा शामिल की गई है। फाउंडेशन स्टेज के अंतर्गत भाषा कौशल तथा शिक्षण के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

प्रिप्रेटरी स्टेज

दूसरा चरण यानी कि प्रिप्रेटरी स्टेज में 8 साल के बच्चों से लेकर 11 साल के बच्चों तक शामिल किए जाएंगे। इस श्रेणी में तीन कक्षा से लेकर पांचवीं कक्षा तक के बच्चे शामिल। बच्चों की भाषा और संख्यात्मक कौशल में विकास करना इस स्टेज में शिक्षकों का मुख्य उद्देश्य होगा। क्षेत्रीय भाषा भी इस स्टेज में बच्चों को पढ़ाई जाएगी।

मिडिल स्टेज

6 से लेकर 8 तक के बच्चे मिडस्टेट के अंतर्गत आएंगे। छठी कक्षा के बच्चों को कोडिंग सिखाई जाएगी। और उन्हें तोड़न सिखाने के साथ-साथ व्यवस्था एक परीक्षण भी दिया जाएगा। जिसके साथ साथ उन्हें इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी।

सेकेंडरी स्टेज

चौथा चरण यानी कि सेकेंडरी स्टेज इस स्टेज में कक्षा 9 से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चे आएंगे। आपको बता दें कि पहले जो बच्चे साइंस कॉमर्स या फिर आर्ट्स स्ट्रीम लेते थे अब उन्हें खत्म कर दिया गया है। अभी बच्चे अपनी मनपसंद के सब्जेक्ट को चुन सकते हैं जैसे कि अगर किसी बच्चे को साइंस के साथ कॉमर्स या फिर कॉमर्स के साथ आर्ट्स लेनी है, तब वह अपनी इच्छा अनुसार ले सकता है।

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Conclusion

दोस्तों हमने आपको आज के इस आर्टिकल के माध्यम से न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के बारे में जानकारी प्राप्त करा दी है। और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के विवरण आपके साथ साझा किया है।नेशनल एजुकेशन पॉलिसी सरकार का क्रांतिकारी फैसला है जो कि आने वाले भविष्य में छात्रों के लिए काफी ज्यादा लाभदायक साबित होने वाली है। National Education Policy के अंतर्गत यदि और भी नया कोई अपडेट आएगा तो हम आपको इस पोर्टल के माध्यम से सूचित कर देंगे। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी यानी कि नई शिक्षा नीति के बारे में और भी अपडेट को जानने के लिए हमारे इस वेबसाइट के साथ जुड़े रहे।

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